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छोटा कारोबार
Fun Story छोटा कारोबार:- शोभन अपने पिता के पास गया जो काम करने के लिए निकल ही रहे थे। उसने कहा, ‘पापा, पापा’ आपके बाद जीतू चाचा मेरे सबसे प्रिय मित्र हैं।’ ‘वह ठीक है, लेकिन उन्होंने क्या किया है?’ ‘उन्होंने अभी फोन किया और मुझे कहा कि वह मुझे अपने साथ एक हफ्ते के लिए दिल्ली ले जा रहे हैं।’ क्या तुम मुझे बता रहे हो या मुझसे पूछ रहे हो?’ पापा ने हंसते हुए कहा। ‘दोनो, आप मेरे प्रिय मित्र हैं’ शोभन ने अपने पिता के हंसते हुए चेहरे की तरफ देखकर कहा। पापा ने कहा, ‘तुम जा सकते हो अगर तुम्हारी माँ को कोई दिक्कत ना हो।’ यह कहकर पापा गेट के बाहर अपनी बस पकड़ने चले गए। अभी कुछ ही समय हुआ था कि जीतू चाचा अपने स्कूटर पर बैठकर उनके घर पहुंचे। वह दोनों मिलकर दिल्ली के लिए निकल पड़े। गाजियाबाद के इस लड़के के लिए दिल्ली में देखने के लिए बहुत कुछ था। शोभन और जीतू चाचा दिल्ली की कई दिलचस्प जगहों पर गए। उन्होंने चिड़िया घर, रेलवे म्यूजियम, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, जंतर मंतर, लाल किला और दिल्ली के कई गार्डन, मार्केट और दूसरी जगहों पर मज़े किए। (Fun Stories | Stories)
‘जीतू चाचा, समय हो गया है। लेकिन मुझे अभी दिल्ली नहीं छोड़नी’ शोभन ने अपने चाचा से यह बात कही जब वह दिल्ली में जनपथ की दुकानों के पास सैर कर रहे थे। एक आदमी गा रहा था, ‘दिल्ली के बारे में सब कुछ देख लो, तस्वीरों में, या जो आप देखना चाहते हो...इससे पहले तुम चले जाओ।’ चाचा, यह क्या गा रहा है। ‘वह एक ‘खूबसूरत दिल्ली’ नाम की किताब बेच रहा है।’ ‘वाह! मैं दिल्ली छोड़ना नहीं चाहता लेकिन मैं अपने साथ इस किताब को ले जा सकता हूँ।’ शोभन उस किताब वाले आदमी के पास किताब खरीदने पहुंचा। ‘क्या यह अच्छा नहीं होगा अगर मैं यह किताब तुम्हें खरीदकर दूं?’ जीतू चाचा ने शोभन से कहा और उसके लिए किताब खरीद ली। गाजियाबाद पहुंचकर शोभन अपनी माँ के पास दौड़ते हुए पहुंचा और चिल्लाया, ‘माँ, मैं अपने साथ दिल्ली की किताब लाया हूँ। बैठो और मेरे साथ इन तस्वीरों को देखो। यह बहुत बढ़िया किताब है।’ तस्वीरें देखने के बाद माँ ने कहा, ‘तुम दूध पी लो और अपने दोस्तों के साथ खेलने जाओ।’ शोभन बाहर खेलने गया और जब वह वापिस आया तो वह किताब को दोबारा पढ़ने लगा। वह खूबसूरत दिल्ली की किताब पर बहुत गर्व महसूस कर रहा था। (Fun Stories | Stories)
‘यह मेरी प्रिय किताब है।’ उसने अपने पिता से कहा। उसने यह बात अपनी शिक्षक अपने दोस्त...
‘यह मेरी प्रिय किताब है।’ उसने अपने पिता से कहा। उसने यह बात अपनी शिक्षक अपने दोस्त कार्तिक और शोना को बताई। कार्तिक उस किताब को चाहता था। गाजियाबाद में वह किताब कोई नहीं बेचता था। कार्तिक कई दिनों से सोच रहा था, ‘शोभन से मैं यह किताब कैसे लूं?’ शायद मैं अपनी किसी चीज़ को शोभन को दे दूं जो उसे पसंद हो। उसने आसपास बहुत चीज़े देखी और सोचने लगा कि वह शोभन को क्या दे? ‘ओह हाँ, मेरी वीडियो गेम। उसे वह पसंद आएगी। मैं उसे वह दे दूंगा। कार्तिक भागते हुए शोभन को ढूंढने गया। (Fun Stories | Stories)
शोभन यह कैसी है? तुमने मुझे बताया था कि तुम्हें मेरी वीडियो गेम बहुत पसंद है। क्या तुम मुझसे अपनी किताब के बदले यह वीडियो गेम लोगे?’ शोभन ने कहा, ‘क्या, तुम सच कह रहे हो?’ शोभन ने एक समय में सौ बार खूबसूरत दिल्ली की किताब को पढ़ लिया था। इसलिए वह खुशी खुशी इस डील को मानने के लिए तैयार हो गया। शोभन ने उस खेल को बहुत बार खेला जिससे उसकी माँ परेशान हो गई। उन्हें वीडियो गेम की आवाज़ बिलकुल पसंद नहीं थी। शोभन ने सोचा, ‘मुझे अब यह वापिस कर देनी चाहिए क्योंकि मैं दिल्ली को मिस कर रहा हूँ।’ यह सोचते हुए शोभन कार्तिक के पास भागते हुए गया। (Fun Stories | Stories)
मैं तुम्हें तुम्हारी गेम लौटाना चाहता हूँ। मुझे मेरी किताब वापिस चाहिए।’ अब बहुत देर हो गई। मैंने तुम्हारी किताब शोना को बेच दी। उसने मुझे किताब के बदले राज नगर की स्नैक की दुकान से ट्रिपल संडे आइस्क्रीम खिलाई थी।’ ‘तुम कैसे? मोटे? तुम कैसे यह कर सकते हो?’ शोभन कार्तिक की बात सुनकर बहुत गुस्सा हो गया था। ‘देखो, पतले दुबले। हमने व्यापार किया था, खरीदने और बेचने का। वह किताब अब मेरी थी इसलिए मैंने आगे दे दी।’ जीभ चढ़ाते हुए कार्तिक ने यह शोभन से कहा। शोभन भागता हुआ शोना के घर गया। शोभन ने शोना से कहा, ‘शोना, मैं तुम्हें अपनी पिग्गी बैंक में से पैसे निकालकर एक बड़ी आइस्क्रीम खिलाऊंगा, तुम मेरी किताब मुझे वापिस कर दो।’ भूल जाओ, मुझे खूबसूरत दिल्ली की किताब बहुत पसंद आई और मैंने कार्तिक के साथ सौदा किया था, शोना ने कहा। (Fun Stories | Stories)
‘फिर इस वीडियो गेम के बारे में क्या ख्याल है?’ शोभन ने शोना को देते हुए कहा। ‘नहीं, मुझे इस गेम की बीप बीप आवाज़ पसंद नहीं है। इसलिए तुम जाओ।’ शोना ने चिल्लाते हुए कहा। शोभन दौड़ता हुआ अपने घर गया और कुर्सी पर जाकर चुपचाप बैठ गया। माँ ने शोभन को पुकारा, ‘शोभन, शोभन! अपना दूध पी लो।’ शोभन खड़ा नहीं हुआ। उसकी माँ ने पूछा, ‘क्या तुम ठीक हो?’ क्या हुआ बेटा? क्या तुम्हारी कार्तिक और शोना के साथ लड़ाई हुई है।’ मैं कार्तिक और शोना से नफरत करता हूँ। जब तक मैं जीऊंगा, मैं उन दोनों से बात नहीं करूंगा।’ मुझे बताओ क्या बात हुई है। जब शोभन ने अपनी कहानी बताई तो उसकी माँ ने उसे समझाया, ‘तुम लोगों ने सौदा किया था। अब उसके बारे में कुछ भी करना गलत है। तुम्हें अपनी गलती का अहसास देरी से हुआ।’ (Fun Stories | Stories)
अगले दिन किसी ने शोभन के घर की घंटी बजाई और वह कार्तिक था। ‘शोभन, यह लो तुम्हारी किताब। तुम मुझे मेरी वीडियो गेम वापिस दे दो।’ ‘क्या तुम सच कह रहे हो?’ हाँ मेरे चचेरे भाई बहन हमारे घर रहने आ रहे हैं। पापा ने कहा है कि मैं उन्हें अपनी वीडियो गेम खेलने के लिए दे दूं, कार्तिक ने बताया। शोभन ने पूछा, ‘शोना मुझे अपनी किताब क्यों नहीं देना चाहती थी?’ कार्तिक ने बताया, ‘उसे मेरा कैलकुलेटर चाहिए था। मैंने उसे कहा कि वह उसे इस्तेमाल कर सकती है जब वह मुझे खूबसूरत दिल्ली किताब को वापिस लौटाएगी। उसने मुझे किताब लौटा दी क्योंकि वह उसे बहुत बार पढ़ चुकी थी।’ कार्तिक ने बताया। ठीक है, हाथ मिलाओ। मैंने अपनी दिल्ली को बहुत मिस किया। शोभन ने कार्तिक को बताया और उसे अपने घर बुलाया। मोटे, आज माँ ने बेसन के लड्डू बनाए है। माँ ने शोभन को आवाज़ दी। ‘शोभन, जल्दी आओ। जीतू चाचा का फोन आया है।’ ‘हेलो, शोभन! क्या तुम अगले हफ्ते दोबारा दिल्ली जाना पसंद करोगे?’ जी हाँ, मुझे बहुत खुशी होगी। आप बहुत अच्छे हो जीतू चाचा। हम दिल्ली ज़रूर चलेंगे।’ खुशी खुशी कहते हुए शोभन ने फोन रख दिया। (Fun Stories | Stories)
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